Jammu & Kashmir Terrorist Attacks 120+ Militants Active.

जम्मू कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद सेना सर्च ऑपरेशन चला रही है. आज ही सेना ने बारामूला में दो आतंकियों को ढेर किया है. सेना की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी जम्मू कश्मीर में कुल मिलाकर 120 से ज्यादा आतंकी एक्टिव हैं. इसमें 110 से ज्यादा विदेशी आतंकी हैं, बाकी 10 के आस-पास आतंकी लोकल हैं. इनमें से लगभग 75 आतंकी कश्मीर में एक्टिव हैं और 50 के करीब जम्मू के इलाके में सक्रिय हैं. सेना कश्मीर के अंदर भी बड़े ऑपरेशन चलाने की तैयारी कर रही है.

पहलगाम हमले में 6 आतंकी शामिल थे. इनकी तस्वीरें भी सामने आ गई हैं. इन आतंकियों उम्र लगभग 25-30 की बताई जा रही है. इनमें से 4 लश्कर-ए-तैयबा और 2 स्थानीय आतंकी हैं. लोकल आतंकी में एक की पहचान आसिफ अहमद शेख के रूप में हुई है. इसकी उम्र 26 साल है. इसपर 3 लाख रुपये का इनाम भी था. इन आतंकियों के पास से AK-47 राइफल्स और स्टील की बुलेट्स भी बरामद की गई हैं.

पूरी घटना की बनाई वीडियो

पहलगाम हमले में आतंकवादियों ने हेलमेट पहने हुए थे, जिन पर कैमरे लगे हुए थे. घटना की वीडियोग्राफी की गई. तीन आतंकवादियों ने सभी मृतकों को एक साथ इकट्ठा किया. उन्हें पुरुष और महिला में अलग किया. उसके बाद सभी की पहचान जुटाई. कुछ को बचे हुए आतंकवादियों ने स्नाइपर फायर की तरह दूर से गोली मारी. कई लोगों की जान खून की कमी के कारण चली गई. ऐसा लगता है कि अपराध स्थल को जानबूझकर चुना गया था, क्योंकि बचाव में समय लगेगा और इसलिए हताहतों की संख्या ज्यादा होगी.

जम्मू-कश्मीर में टीआरएफ एक्टिव

जनवरी 2023 में गृह मंत्रालय ने आतंकवादी गतिविधियों, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के प्रचार के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत टीआरएफ को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था. टीआरएफ की ओर से कश्मीर में पत्रकारों को धमकियां जारी करने के महीनों बाद यह कदम उठाया गया था.

उस समय एमएचए द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, टीआरएफ 2019 में लश्कर के एक प्रॉक्सी संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था. अधिसूचना में कहा गया है, टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा है और आतंकवादी गतिविधियों, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के बारे में प्रचार करने में भी शामिल रहा है. टीआरएफ जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारतीय राज्य के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मनोवैज्ञानिक अभियानों में शामिल है.

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